रमन श्रीवास्तव के यहां आज फिर बच्चे इकट्ठा हुए हैं। बच्चों में विज्ञान दृष्टिकोण विकसित करने के लिए रमन श्रीवास्तव जिन्हें बच्चे प्यासे अंकल बुलाते, हर शनिवार को अपने यहां एक विज्ञान गोष्टी रखते। इस गोष्टी में ज्ञान-विज्ञान की तरह तरह की बातें पर चर्चा होती।
सभी बच्चे आ गए थे, सिर्फ रमेश का इंतजार था। थोड़ी देर में रमेश भी आ गया। देरी से आने के लिए माफी मांगते हुए बोला, "अंकल देर से आने का मुझे खेद है। दरअसल, मुझे नहाने में देर हो गई। हमारी तीसरी मंजिल के फ्लैट में वैसे भी पानी कम चढ़ता है और अब तो गर्मियां भी शुरू हो गई हैं।
रजत अंकल बोले, "यह तो महानगरों में रहने वाले हर व्यक्ति की समस्या है भू-जल स्तर का भी नीचे होता जा रहा है। इसलिए पानी को खर्च करने के मामले में हम सभी को सावधानी बरतनी चाहिए। अगर जल संरक्षण की ओर ध्यान नहीं दिया तो पानी की उपलब्धता की समस्या हमारे सामने मुंह बाए खड़ी होगी।आजकल वर्षा संग्रहण यानी वाटर हार्वेस्टिंग तकनीको अपनाएं जाने की दिशा में भी काफी जागरूकता एवं क्रियाशीलता दिखाई पड़ रही है जो समय की मांग भी है।"
शालू ने पूछा अंकल खासकर पेयजल की कमी की समस्या ने केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गंभीर रूप धारण करती जा रही है। मैंने तो यही भी पढ़ा है कि जल स्रोतों कि बंटवारे को लेकर भविष्य में युद्ध लड़े जाएंगे हमारे देश में विभिन्न राज्य के बीच जल के बंटवारे को लेकर आए दिन विवाद होते रहते हैं जल को लेकर गली मोहल्ले में होने वाले झगड़े फसाद तो अब एक आम नजारा ही बन गए हैं।''
रजत अंकल बोले, "तुमने ठीक कहा शालू। पेयजल की समस्या सच में विकट रूप धारण करती जा रही है। अब तो सील बंद बोतल लो मैं बिकने वाला मिनरल वाटर भी सुरक्षित नहीं रहा। उसमें भी कीटनाशकों के अवशेष मिले हैं।"
टिंकू बोला, " अंकल जल के बिना तो जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती फिर भविष्य में पृथ्वी पर जीवन कैसे बचेगा?"
जवाब में अंकल भोले सचमुच समस्या गंभीर है जीवित रहने के लिए हमें हवा, पानी और भोजन तीनों की ही आवश्यकता पड़ती है प्राथमिकता के आधार पर जल को दूसरा स्थान प्राप्त है क्योंकि हवा के बिना जीवन कुछ पलों का पानी के बिना कुछ घंटों का और भोजन के बिना कुछ दिनों का ही रह जाएगा।
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